राजस्थान के भीलवाडा शहर से प्रकाशित दैनिक प्रभावित से अपनी पत्रकारिता को कैरियर के रूप में अपनाया ओर राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर के विभिन्न पदों पर डेढ दशक कार्य करने के उपरांत पत्रकारिता के अध्यापन का कार्य । पत्रकारिता के दौरान मानवाधिकार, महिला सशक्तिकरण एवं मूल्यानुगत पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष दिलचस्पी रही। महिलाओं की पीडा का प्रतिनिधित्व करता एक कहानी संग्रह ''अभागण'' का प्रकाशन राजस्थानी भाषा एवं संस्कृति अकादमी के सहयोग से हुआ। पत्रकारिता में बदलते प्रतिमानों का अध्ययन कर एक पुस्तक '' समाचारपत्र जगत में अभूतपूर्व क्रान्ति'' का प्रकाशन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के आर्थिक सहयोग से किया गया। वर्तमान में गुजरात की पूर्व राजधानी एवं पुरा वैभव से संपन्न शहर पाटण के हेमचन्द्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग में शिक्षक।